मृत्यु का कारण फेफड़ों एवं गुर्दों में अत्यधिक संक्रमण
वन विहार में मादा बाघ बांधवी की आज मृत्यु हो गयी है। मृत मादा बाघ बांधवी को बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से 5 अक्टूबर 2006 को नरभक्षी हो जाने के कारण वन विहार भोपाल लाया गया था। वन विहार लाते समय बांधवी की उम्र 8 वर्ष बतायी गयी थी।
यद्यपि प्राकृतिक अवस्था में बाघ की वास्तविक उम्र का आंकलन किया जाना संभव नहीं होता है। पोस्टमार्टम के समय मृत वन्यप्राणी के शारीरिक परीक्षण एवं दंत विन्यास, दांतों की स्थिति एवं फेफड़ों की विशिष्ट अवस्था से यह संकेत मिला है कि मृत बाघिन की उम्र 15 वर्ष से अधिक होगी।मृत मादा बाघ का पोस्टमार्टम राज्य पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला, राज्य पशु चिकित्सालय भोपाल, वाइल्डलाइफ एसओएस एवं वन विहार के चिकित्सकों ने संयुक्त रूप से किया। पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर मृत्यु का कारण फेफड़ों एवं गुर्दों में अत्यधिक संक्रमण होना पाया गया है। पोस्टमार्टम के उपरांत मृत बाघिन के शव को समस्त अवयवों सहित जलाकर नष्ट कर दिया गया।
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