पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान में पुलिस क्राइम रिपोर्टर परिचर्चा
गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा है कि पुलिस और मीडियाकर्मियों के बीच अपने-अपने कर्तव्यों के बेहतन निर्वहन की दृष्टि से भोपाल में पुलिस और क्राइम रिपोटर्स के बीच हर माह सीधा संवाद आयोजित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के सुझाव पर अमल करते हुये यह व्यवस्था की जा रही है कि अपराधों से संबंधित जानकारी और विवरण वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा दिया जाये।
गृह मंत्री आज पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान में पुलिस क्राइम रिपोर्टर परिचर्चा के समापन अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री एस.के. राऊत, पुलिस महानिरीक्षक भोपाल रेंज डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव तथा अन्य पुलिस अधिकारी और वरिष्ठ पत्रकार भी उपस्थित थे।गृह मंत्री ने कहा कि अपराध घटित होने पर पुलिस की पहली प्राथमिकता स्थिति को नियंत्रण में लाना और अपराधी को पकड़ना होती है। इसी प्रकार पत्रकारों और अन्य मीडियाकर्मियों की प्राथमिकता यह होती है कि अपराध से संबंधित अधिक से अधिक जानकारी जितनी जल्दी हो सके जनता को बताई जाये। दोनों की अपनी-अपनी कर्तव्यगत विवशताएं होती हैं। इन्हीं के बीच मध्यम मार्ग अपनाते हुये दोनों को समाज के व्यापक हित में काम करना है। इसे ध्यान में रखते हुये यह व्यवस्था की जा रही है कि पुलिस और मीडियाकर्मियों के बीच सतत संवाद और समन्वय कायम रहे। इस प्रकार का वातावरण बने कि अपराध की विवेचना में मीडिया सहयोगी बने। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था कायम रखने का काम पुलिस अकेली नहीं कर सकती इसमें समाज की भागीदारी बहुत जरूरी है।
इसके पूर्व पुलिस महानिरीक्षक डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व में पुलिस क्राइन रिपोर्टर परिचर्चा आयोजित की गई और उसी कड़ी में यह दूसरी परिचर्चा है। इस उद्देश्य पुलिस और पत्रकारों के बीच में बेहतर समन्वय स्थापित करना है। उन्होंने पत्रकारों द्वारा पूछे गये विभिन्न प्रश्नों का उत्तर दिया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
वरिष्ठ पत्रकार श्री मृगेन्द्र सिंह और श्री निर्मल सिंह बैस ने भी चर्चा में पत्रकारों का पक्ष और उनकी कठिनाईयों को सामने रखा तथा विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया।
पुलिस महानिदेशक श्री एस.के. राऊत ने कहा कि पुलिस और पत्रकारों दोनों का अंतिम उद्देश्य अपराध पर नियंत्रण और समाज में शांति स्थापित करना है। मीडिया को इस तरह कार्य करना चाहिये कि पुलिस के कार्य में बाधा न पड़े और पुलिस को भी इस तरह कार्य करना चाहिये कि मीडिया को अपना कार्य करने में सुविधा हो।
इस अवसर पर क्राइम रिर्पोटिंग करने वाले पत्रकार, ट्राफिक वार्डन्स, पुलिसकर्मी तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
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