औसत वृद्धि दर भी लक्ष्य से 18 प्रतिशत ज्यादा दर्ज हुई
इंदौर वाणिज्यिक कर संभाग-1 में साल 2009-10 में राजस्व और बकाया वसूली में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। इस सिलसिले में की गई खास कोशिशों के चलते पिछले पाँच सालों में इस राजस्व में दोगुनी वृद्धि हो गई है।
वाणिज्यिक कर आयुक्त श्री शैलेन्द्र सिंह द्वारा प्रदेश में शुरू की गई संभाग स्तरीय समीक्षा के तहत गत दिवस इंदौर बैठक में यह जानकारी दी गई। इंदौर वाणिज्यिक कर संभाग-1में साल 2005-06 में 272 करोड़ 59 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था जो कि साल 2009-10 में बढ़कर 531 करोड़ 55 लाख रुपए हो गया है।
यही नहीं, इस संभाग के तहत आने वाले 6 वृत्त और संभाग में राजस्व प्राप्ति की औसत वृद्धि दर भी लक्ष्य से 18 प्रतिशत ज्यादा दर्ज हुई है। इस वाणिज्यिक कर संभाग के बनने के बाद यह दर सर्वाधिक आँकी गई है।
इस संभाग ने पात्र व्यवसाईयों के 66 प्रतिशत स्व कर निर्धारण की उपलब्धि भी हासिल की है। वृत्त क्रमांक-8 में तो ऐसे व्यवसाईयों का प्रतिशत 80 दर्ज हुआ है। इस दौरान ही संभाग ने कोई 651 निष्क्रिय और त्रुटिकर्ता व्यवसाईयों के पंजीयन भी निरस्त किए हैं।
इस संभाग ने पात्र व्यवसाईयों के 66 प्रतिशत स्व कर निर्धारण की उपलब्धि भी हासिल की है। वृत्त क्रमांक-8 में तो ऐसे व्यवसाईयों का प्रतिशत 80 दर्ज हुआ है। इस दौरान ही संभाग ने कोई 651 निष्क्रिय और त्रुटिकर्ता व्यवसाईयों के पंजीयन भी निरस्त किए हैं।
इसी तरह साल 2009-10 में 12 करोड़ 24 लाख रुपए की नगद राजस्व वसूली की गई है और 76 व्यवसाईयों का आईटीआर से संबंधित सत्यापन किया गया है। ऐसे 17 व्यवसाई जिनका यह सत्यापन नहीं हुआ था उनके 613 लाख 46 हजार रुपए के आईटीआर नामंजूर किए गए हैं।
वाणिज्यिक कर आयुक्त श्री शैलेन्द्र सिंह ने वाणिज्यिक कर संभाग इंदौर-1को इस श्रेष्ठ उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
वाणिज्यिक कर आयुक्त श्री शैलेन्द्र सिंह ने वाणिज्यिक कर संभाग इंदौर-1को इस श्रेष्ठ उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
0 comments:
Post a Comment