Pages


Top Stories

Tuesday, April 20, 2010

ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों के लिए बाण्ड नियम हुए सख्त

पी.जी. में एडमीशन के पूर्व तीन वर्ष का बाण्ड भराया जायेगा
ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उनसे चिकित्सा शिक्षा के दौरान भरवाए गए बाण्ड का सख्ती से पालन कराया जाए। लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा, आयुष मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने यह निर्देश सचिव लोक स्वास्थ्य श्री एस.आर. मोहंती, आयुक्त स्वास्थ्य श्री मनोहर अगनानी, उप सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री सुहेल अली, संचालक चिकित्सा शिक्षा श्री व्ही.के सैनी एवं संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ ए.के. मित्तल के साथ हुई बैठक में दी।

लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने बैठक में कहा कि चिकित्सकों की उपलब्धता विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इससे चिकित्सा शिक्षा के लिए बॉड भरने वाले छात्रों को नियमानुसार एक साल ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवा देनी होगी। उन्होंने बैठक में इसके लिए निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी। बैठक में यह तय किया गया कि जिन एम.बी.बी.एस. डॉक्टरों की पदस्थापना की गई थी, उनमें से जिन चिकित्सकों ने ज्वाईन नही किया किन्तु उन चिकित्सकों का पी.जी. में सिलेक्शन हो गया है, उनसे पी.जी. में एडमीशन के पूर्व तीन वर्ष का बाण्ड भराया जायेगा। एक वर्ष एम.बी.बी.एस का एवं दो वर्ष पी.जी. का इस प्रकार कुल तीन वर्ष का बाण्ड भराया जायेगा। इसी तरह भविष्य के लिये पी.जी. काउन्सिलिंग के पूर्व संचालक चिकित्सा शिक्षा को ऐसे बाण्डेड चिकित्सकों की सूची संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी जिन्होंने बाण्ड अवधि में नियुक्ति के बाद कर्तव्य पर उपस्थित नही हुये हैं एवं बाण्ड अवधि को पूर्ण नही किया है। साथ ही संचालक चिकित्सा शिक्षा के द्वारा भी काउन्सिलिंग के पूर्व संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें से ऐसी सूची की मांग की जायेगी।

बैठक में यह तय किया गया कि अगले वर्ष से प्री पी.जी. के आवेदन में भी यह प्रावधान किया जायेगा कि बाण्डेड चिकित्सक स्वास्थ्य संचालनालय से इस आशय का प्रमाण पत्र लेकर आवेदन में लगाये कि उन्होंने बाण्ड अवधि के लिए आवश्यक सेवा पूर्ण करने के लिए नियुक्ति स्थल पर उपस्थित हो कर निरंतर सेवा में है। जिन एम.बी.बी.एस. डाक्टर्स ने बाण्ड पूरा नहीं किया है और पी.जी. में भी उनका सिलेक्शन नही हुआ है उनको इस आशय का नोटिस दिया जायेगा कि क्यों न उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाये। इसके लिये ऐसी चिकित्सकों की सूची संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा रजिस्ट्रार मेडिकल कौंसिल को उपलब्ध कराई जायेगी जिसके आधार पर कौंसिल संबंधित चिकित्सकों को नोटिस जारी करेगी। 
भविष्य में लोक सेवा आयोग को जो नियुक्ति हेतु मांग पत्र भेजा जायेगा उसमें भी यह शर्त रखी जायेगी कि जो बाण्डेड चिकित्सक बाण्ड का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं, वे ही चिकित्सक आवेदन देने के लिये पात्र होंगे। जिन बाण्डेड चिकित्सकों ने बाण्ड का कार्यकाल पूर्ण नहीं किया है उन्हें आर.सी.एच.एन.आर.एच.एम. के अंतर्गत भी पदस्थापना नहीं दी जायेगी।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन बाण्डेड पी.जी. डाक्टर्स ने बाण्ड पूरा नहीं किया है, उनकी सूची बनाकर संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा रजिस्ट्रार मेडिकल कौंसिल को दी जायेगी जिसके आधार पर वह उनके रजिस्ट्रेशन केन्सिल करने की कार्यवाही करेंगे। 
जो चिकित्सक अखिल भारतीय प्री पी.जी. में सिलेक्ट हो जाते हैं उनसे यह अण्डरटेंकिग ली जाकर कि वह पी.जी. पूर्ण करने के पश्चात बाण्ड की अवधि की शासकीय सेवा कर देंगे इस शर्त पर उन्हें पी.जी. करने की अनुमति दी जायेगी। पी.जी. पूर्ण करने वाले बाण्डेड चिकित्सकों की जानकारी परीक्षा के पूर्व समस्त अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय स्वास्थ्य आयुक्त को भेजेंगे। इस जानकारी के साथ ही परीक्षा की संभावित तिथि की जानकारी भी दी जायेगी ताकि स्वास्थ्य आयुक्त इनकी पदस्थापना पर पूर्व से ही विचार कर सकें। प्रत्येक पी.जी. परीक्षा के बाद सूची भेजने की जिम्मेदारी संबंधित डीन मेडिकल कालेज की होगी। यदि कोई चिकित्सक सूची नहीं भेजने के कारण बाण्ड से विमुक्त हो हाता है ऐसे में जिम्मेदारी संबंधित डीन मेडिकल कालेज की होगी।

0 comments:

Related Posts with Thumbnails
 
Blog template by mp-watch.blogspot.com : Header image by Admark Studio