ट्रामा यूनिट में पदस्थ चिकित्सकों का अलग संवर्ग होगा
प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में सिंगल विंडो सिस्टम होगा ताकि मरीज को इलाज के लिए भटकना न पड़े। इसी तरह प्रत्येक जिला अस्पताल को छोटे-छोटे एवं आपातकालीन कार्यों के लिए पच्चीस हजार रूपये तक स्वीकृत करने का अधिकार होगा। यह निर्देश लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री श्री अनूप मिश्रा की अध्यक्षता में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं पर विचार के लिए निरंतर चल रही बैठकों की कड़ी में दिए गए।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने कहा कि सभी जिला अस्पतालों में अब मरीज को एक खिड़की पर पर्ची बनाने, एक्सरे, सोनोग्रॉफी एवं अन्य जांच के लिए पैसे जमा करने की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि मरीज या उसके परिजन अस्पताल में भटकें नहीं यह सुनिश्चित करने की जवाबदारी सिविल सर्जन की होगी। बैठक में एन.ए.बी.एच. के तहत प्रदेश के पांच अस्पतालों की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश के सभी पचास अस्पतालों में व्यवस्था सुधारने का है। उन्होंने कहा कि इसी तरह अब हर जिला अस्पताल में स्थापित होने वाली ट्रामा यूनिट में कार्यरत चिकित्सकों का अलग संवर्ग होगा। इनकी नियुक्ति, स्थापना, ट्रांसफर सिर्फ ट्रामा यूनिट में ही होगी अन्यत्र इन्हें पदस्थ नहीं किया जाएगा।स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिला अस्पतालों में गहन चिकित्सा इकाई (आई.सी.सी.यू.) को पूरी तरह सुसज्जित बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आई.सी.सी.यू. में प्रत्येक पलंग पर मॉनिटर, ऑक्सीजन, सक्शन एवं कर्टल सिस्टम होना जरूरी है। श्री मिश्रा ने कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों में 25 हजार रूपये तक का व्यय करने का अधिकार जिला अस्पताल को होगा ताकि अस्पताल की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सकें।
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