वन मंत्री ने की समीक्षा विभाग की अभिनव परियोजनाओं की
वनमंत्री श्री सरताज सिंह ने प्रदेश में ईकोपर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये नए पर्यटन केन्द्र विकसित करने पर बल दिया है। श्री सिंह आज यहां मंत्रालय में विभाग द्वारा तैयार की जा रही कुछ अभिनव परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को बेहतर ढंग से तैयार कर शीघ्र पूरा किया जाए। वन मंत्री ने आज लहारपुर ईकोलॉजिकल गार्डन, वन विहार फेज - दो, अनिर्या ईको पार्क, रीवा शहर में ईको पर्यटन पार्क, सतना में चिड़ियाघर, केरवा में ईको पर्यटन केन्द्र के संबंध में अभी तक की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में उपस्थित अपर मुख्य सचिव, श्री प्रशांत मेहता ने इन परियोजनाओं के नोडल अधिकारियों को उचित मार्गदर्शन दिया। बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ए.के. दुबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य आयोजना) डॉ. एच.एस. पाबला, मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक, श्री आर.एस. नेगी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ईको पर्यटन विकास बोर्ड श्रीमती गोपा पाण्डेय सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
भोपाल के लहारपुर में ईकोलॉजिकल गार्डन विकसित किया जा रहा है। इस उद्यान का विकास समग्र पारिस्थितकीय तंत्र को ध्यान में रखकर किया जायेगा। देश में अपनी तरह के पहले इस वानस्पतिक उद्यान में पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप द्वारा 1696 हेक्टेयर क्षेत्र में दुर्लभ वृक्ष प्रजातियों के रोपण के साथ ही पर्यटकों के लिये मनोरंजन के स्थल विकसित किया जाएगा।
भोपाल के लहारपुर में ईकोलॉजिकल गार्डन विकसित किया जा रहा है। इस उद्यान का विकास समग्र पारिस्थितकीय तंत्र को ध्यान में रखकर किया जायेगा। देश में अपनी तरह के पहले इस वानस्पतिक उद्यान में पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप द्वारा 1696 हेक्टेयर क्षेत्र में दुर्लभ वृक्ष प्रजातियों के रोपण के साथ ही पर्यटकों के लिये मनोरंजन के स्थल विकसित किया जाएगा।
इसमें जैव विविधता को संरक्षण देते हुये विश्व की दुर्लभ एवं लुप्तप्राय प्रजातियों का रोपण, उच्च तकनीक रोपणी, इंटरप्रिटेशन व मनोरंजन केन्द्र, हरबेरियम, बोन्साई क्षेत्र आदि का विकास किया जाएगा।
भोपाल के केरवा में वन विहार फेज -दो को पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप द्वारा चिड़ियाघर के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर्यटकों को अन्तराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस परियोजना में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सिंगापुर चिड़ियाघर के संचालन का दीर्घ अनुभव रखने वाले श्री बर्नार्ड हेरीसन का मार्गदर्शन प्राप्त किया गया है।
भोपाल स्थित केरवा जल संसाधन विभाग के विश्राम गृह परिसर में केरवा ईको पार्क म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। इसमें मचान, ट्री हट, फव्वारा इत्यादि विकसित कर इसे आदर्श पिकनिक स्थल का स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
देवास जिले के सोनकच्छ तहसील में भोपाल से 120 किलोमीटर दूरी पर लगभग पांच हेक्टेयर क्षेत्र में 'अनिर्या ईको पार्क' को पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के आधार पर विकसित किया जायेगा। इस क्षेत्र में ग्रामीण परिवेश उपलब्ध कराते हुये हर्बल उद्यान, रात्रि विश्राम के लिये ग्रामीण आवास, हर्बल उपचार, पंचकर्म उपचार, तांगा बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी आदि की सैर, वाटरपार्क, म्यूजिकल फाउन्टेन, हर्बल उत्पाद विक्रय केन्द्र आदि कार्य किये जाएंगे।
रीवा नगर में बीहर नदी में दो टापू हैं, जहां ईको पर्यटन केन्द्र विकसित किया जाएगा।
सतना में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में चिड़ियाघर विकसित किया जाएगा। यहां इसके साथ वन्य प्राणियों का रेस्क्यू सेंटर भी विकसित होगा। सुप्रसिद्ध नंदन कानन को विकसित करने वाले श्री एस.के. पटनायक के मार्गदर्शन में इस क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।
भोपाल के केरवा में वन विहार फेज -दो को पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप द्वारा चिड़ियाघर के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर्यटकों को अन्तराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस परियोजना में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सिंगापुर चिड़ियाघर के संचालन का दीर्घ अनुभव रखने वाले श्री बर्नार्ड हेरीसन का मार्गदर्शन प्राप्त किया गया है।
भोपाल स्थित केरवा जल संसाधन विभाग के विश्राम गृह परिसर में केरवा ईको पार्क म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। इसमें मचान, ट्री हट, फव्वारा इत्यादि विकसित कर इसे आदर्श पिकनिक स्थल का स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
देवास जिले के सोनकच्छ तहसील में भोपाल से 120 किलोमीटर दूरी पर लगभग पांच हेक्टेयर क्षेत्र में 'अनिर्या ईको पार्क' को पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के आधार पर विकसित किया जायेगा। इस क्षेत्र में ग्रामीण परिवेश उपलब्ध कराते हुये हर्बल उद्यान, रात्रि विश्राम के लिये ग्रामीण आवास, हर्बल उपचार, पंचकर्म उपचार, तांगा बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी आदि की सैर, वाटरपार्क, म्यूजिकल फाउन्टेन, हर्बल उत्पाद विक्रय केन्द्र आदि कार्य किये जाएंगे।
रीवा नगर में बीहर नदी में दो टापू हैं, जहां ईको पर्यटन केन्द्र विकसित किया जाएगा।
सतना में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में चिड़ियाघर विकसित किया जाएगा। यहां इसके साथ वन्य प्राणियों का रेस्क्यू सेंटर भी विकसित होगा। सुप्रसिद्ध नंदन कानन को विकसित करने वाले श्री एस.के. पटनायक के मार्गदर्शन में इस क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।
0 comments:
Post a Comment