Pages


Top Stories

Friday, November 13, 2009

आँकडों की सटीकता ही प्रभावी योजना का मूलमंत्र

मानव विकास योजना पर सेमीनार का शुभारंभ
राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर योजनाएं बनाने संकलित किये जाने वाले आँकडों में फर्क दूर करने के लिए प्रभावी व्यवस्था विकसित करने के उद्देश्य से आज यहाँ राज्य स्तरीय सेमीनार सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। 
इसमें कृषि एवं संबद्ध विकास विभागों के मैदानी अधिकारियों ने वर्तमान आँकड़ा संकलन व्यवस्था की कमियों तथा उन्हें दूर करने के लिए गहन मंथन किया। इसका आयोजन आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा राज्य योजना आयोग के सहयोग से किया गया था।
सेमीनार का शुभारंभ करते हुए योजना मंत्री श्री राघवजी ने कहा कि आँकड़ों की सटीकता प्रभावी योजना निर्माण का मूलमंत्र है। आँकडों में फर्क तथा ओवरलेपिंग के चलते मानव विकास की योजनाएं प्रभावी रूप से नहीं बन पातीं। अनेक स्रोतों से आँकड़ो में फर्क होता है। 
इसके लिए निर्धारित प्रारूपों का वैज्ञानिक रूप सें वर्तमान संदर्भ में विश्लेषण कर उनमें एक रूपता बनाने से इस समस्या का समाधान हो सकता है। सभी योजनाएं मानव विकास पर केन्द्रित होती है और किसी भी कारण से इनकी असफलता का मानव पर विपरीत प्रभाव पडता है। 
साथ ही उपलब्ध आँकड़ो को लगातार अद्यतन करते रहना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की इस कार्यशाला से आँकड़ो के संकलन में व्याप्त विसंगतियां दूर करने मे मद्द मिलेगी, जिससे योजनाएं और अधिक सार्थक रूप ले सकेंगी।
प्रमुख सचिव, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी श्रीं देवेन्द्र सिंघई ने कार्यशाला के उदे्दश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इसमें कृषि और छह अन्य संबद्ध विभागों के मैदानी अधिकारी भाग ले रहे है। वे विभिन्न विषयों पर सामूहिक चर्चा कर आँकड़ो की विसंगतियां दूर करने का कारगर हल निकालेंगे।
योजना आयोग के सलाहकार श्री मंगेश त्यागी ने कहा कि मानव विकास सूचकांक सुधारने में आँकड़ो के सटीक ऑकड्रा संकलन की महत्वपूर्ण भूमिका है। जेण्डर विकास में भी इनका बहुत कारगर उपयोग हो सकता है।
आयुक्त, आर्थिक एवं सांख्यिकी डाँ. ओ.पी. पाठक ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यशाला की पृष्ठ भूमिपर प्रकाश डाला। संयुक्त संचालक श्री परिहार ने आभार व्यक्त किया।

0 comments:

Related Posts with Thumbnails
 
Blog template by mp-watch.blogspot.com : Header image by Admark Studio