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Friday, February 27, 2009

सागर विवि ने की निजी कॉलेजों को परीक्षा केन्द्र बनाने की शुरूआत...

मप्र के सबसे पुराने विश्वविद्यालय डॉ० हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय निजी कॉलेजों को परीक्षा केन्द्र बनाने के मामले मे एक बार फिर खबरों मे गया है। विवि के इस निर्णय से जहां एक ओर परीक्षाओं के संचालन की निष्पक्षता को लेकर अंदेशा जताया जा रहा हैं वहीं दूसरी ओर निजी कॉलेजों के बीच अपने अपने कॉलेज को भी परीक्षा केन्द्र घोषित कराने के लिए होड् भी शुरू हो गई है।

डॉ० हरिसिंह गौर विवि द्वारा सत्र 2009-2010 मे निजी कॉलेजों को परीक्षा केन्द्र बनाने की शुरू आत कर दी है। विवि ने पहली बार जिले माल्थौन विकासखण्ड मे स्थित एक निजी महाविद्यालय को अपना परीक्षा केन्द्र बनाया है।
बताया जाता है कि परीक्षा केन्द्र बनाने के लिए विवि ने जिन निजी कॉलेजों को चुना है उनके संचालक राजनैतिक दलों के असरदार नेता है। हालांकि इस सिलसिले मे विवि प्रशासन के अपने अलग तर्क है। विवि के कुलसचिव परीक्षित सिंह के मुताबिक परीक्षा केन्द्र बनाए जाने में संबंधित कॉलेजों मे स्थायी प्राचार्य, स्थापना के 5 वर्ष एवं छात्र-छात्राओं की संख्या कम से कम 250 होना अनिवार्य है। माल्थौन कॉलेज को परीक्षा केन्द्र बनाए जाने के सिलसिले मे श्री सिंह का कहना है कि विवि से 70 किमी दूर होने की वजह से परीक्षा केन्द्र बनाया गया है।
इसके अलावा छतरपुर जिले के शासकीय हरपालपुर कॉलेज को परीक्षा केन्द्र दोबारा बनाए जाने के निर्णय का भी विरोध हो रहा है। गौरतलब है कि दो साल पहले सामूहिक नकल का प्रकरण पकड़े जाने व उत्तर पुस्तिकाओं के बदले जाने मामला सामने आने के बाद इस कॉलेज को परीक्षा केन्द्र बनाए जाने का मामला अभी विचाराधीन है।



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