राज्य शासन द्वारा कमिश्नरों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के सीईओ को निर्देश
Bhopal:Monday, November 9, 2009: राज्य शासन ने सभी संभागायुक्तों, जिला कलेक्टरों और जिला पंचायतों के सीईओ को हड़ताल के दौरान आवश्यक प्रशासकीय कार्य व्यवस्था बनाये रखने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के स्थाई निर्देशों के अनुसार अनिवार्य रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।मध्यप्रदेश अधिकारी/कर्मचारी अध्यक्षीय मण्डल, भोपाल द्वारा 10 नवम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की दी गई सूचना के संबंध में राज्य शासन द्वारा आज पुन: निर्देशित किया गया है कि हड़ताल के दौरान यह भलीभांति सुनिश्चित किया जाये कि जिलों में सभी स्तर के कार्यालय खुले रहें और शासकीय कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो। साथ ही ऐसे सभी कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाये, जो हड़ताल के दौरान कार्यालय आना चाहते हैं, ताकि वे बिना किसी बाधा के कार्य पर उपस्थित हो सकें।
निर्देश में कहा गया है कि शासकीय सेवकों के हड़ताल, धरना और सामूहिक अवकाश के कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम के अनुसार कदाचरण की श्रेणी में आते हैं। इस प्रकार की अनुशासनहीनता करने वालों पर गुणदोषों के आधार अनुशासनात्मक कार्यवाही सक्षम अधिकारी द्वारा की जानी चाहिये।
बिना पूर्व स्वीकृति के सामूहिक अवकाश पर जाने अथवा हड़ताल में भाग लेने की दशा में अनाधिकृत अनुपस्थिति के दिवसों और हड़ताल अवधि का वेतन देय नहीं होगा। न ही इस प्रकार की अनुपस्थिति के दिवसों का अवकाश स्वीकृत किया जायेगा। इस अवधि का वेतन काटने का दायित्व संबंधित कार्यालय प्रमुख और आहरण एवं संवितरण अधिकारी का होगा।
जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि जिले के समस्त कार्यालयों की एकजाई जानकारी निर्धारित प्रारूप में दोपहर 12 बजे तक संकलित कर संभागायुक्त को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायेंगे। समस्त संभागायुक्त अपने संभाग की और संभाग के जिलों की जानकारी दोपहर दो बजे तक सामान्य प्रशासन विभाग को अनिवार्य रूप से दूरभाष/फैक्स/ई-मेल पर उपलब्ध करायेंगे।
इसी प्रकार समस्त विभागाध्यक्ष अपने कार्यालय की जानकारी दोपहर 12 बजे तक विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव को अनिवार्य रूप से प्रेषित करेंगे। समस्त शासकीय विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव का यह दायित्व होगा कि अपने विभाग की और अधीनस्थ समस्त विभागाध्यक्ष कार्यालयों की जानकारी दोपहर दो बजे तक सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध करायेंगे।
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