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Tuesday, September 29, 2009

किशोरियों के स्वास्थ्य के प्रति उपेक्षा चिंताजनक

Bhopal:Tuesday, September 29, 2009:Updated 17:30IST
किशोरियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति समाज और परिवार में उपेक्षापूर्ण रवैया चिंताजनक है इसके लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। यह बात आज स्वास्थ्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती ने किशोरी बालिका स्वास्थ्य विषय पर आधारित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत के अवसर पर कही। 
29 सितम्बर से एक अक्टूबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों तथा प्रशिक्षण केन्द्र के प्रशिक्षकों को किशोरी बालिका स्वास्थ्य के संवेदनशील पहलुओं पर बारीकियों के साथ प्रशिक्षित करेंगे।
स्वास्थ्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती ने कहा कि वास्तव में हमारे समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अत्याधिक अभाव है जिसके कारण कई समस्याएं उत्पन्न होती है। इसी कड़ी में किशोरियों और बालिकाओं का स्वास्थ्य भी जुड़ा है। 
उन्होंने कहा कि बालिका से किशोर अवस्था में प्रवेश करने के साथ ही जो शारीरिक परिवर्तन होते हैं उन्हें ऐसे समय में इन परिवर्तनों के कारण और इसके लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी जरूरी है। इसमें हमारे मैदानी स्वास्थ्य अधिकारियों और कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। 
श्री मोहन्ती ने कहा कि किशोरावस्था में आने वाले शारीरिक तथा मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों के संबंध में उन्हें उचित परामर्श और सौहार्दपूर्ण माहौल की जरूरत होती है और इसके लिए बहुस्तरीय प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
डॉ. एस.के. श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य विभाग ने किशोरी बालिका स्वास्थ्य को लेकर विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों का विवरण दिया। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में भारत शासन के स्वास्थ्य मंत्रालय से अधिमान्य प्रशिक्षक श्रीमती गीतांजली अग्रवाल, डॉ. रवि गुप्ता, डॉ. प्रतिभा मित्तल एवं डॉ. श्रीकान्त बसु आये हुए हैं। कार्यक्रम में विभाग के अधिकारीगण, प्रशिक्षक एवं प्रतिभागीगण शामिल थे।

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