Pages


Top Stories

Friday, February 20, 2009

दिल्ली के जेएनयू के समान अनुदान मिलेगा सागर विवि को..

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने मप्र के डॉ0 हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के लिए दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के समान अनुदान देना मंजूर किया गया है। आयोग का यह निर्णय सागर विवि के लिए गौरव का विषय है। यह जानकारी प्रेस को जारी विज्ञप्ति मे डॉ0 हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर अखिलेश्वर प्रसाद दुबे ने यूजीसी के उप:-सचिव डॉ0 एस जिलानी के हवाले से दी।

विज्ञप्ति में श्री जिलानी के हवाले से यह भी बताया गया है कि यद्यपि यूजीसी ने उन्हें विवि का अनुदान ढाई गुना तक बढ़ाकर देने के लिए अधिकृत किया था लेकिन विश्वविद्यालय के विस्तार व अकादमिक गतिविधियों के बारे मे आयोग को अवगत कराया गया। जिसके चलते यूजीसी ने डॉ0 हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के लिए दस गुना अधिक अनुदान देने के लिए सहमति देदी है।
श्री जिलानी ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत डॉ0 हरिसिंह गौर विश्वाविद्यालय द्वारा अनुदान की मांग के लिए पेश प्रस्तावों मे से यूजीसी की जांच समिति द्वारा सिफारिश किए प्रस्तावों के आधार पर सागर विश्वविद्यालय को 40 करोड़ से अधिक का अनुदान प्राप्त होने की संभावना जताई है।
गौरतलब है कि 1 अप्रेल 2007 से शुरू हुई 11 वीं पंचवर्षीय योजना के तहत अनुदान की मांग के लिए मप्र के डॉ0 हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय द्वारा पेश किए गए प्रस्तावों की जांच करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सात सदस्यीय समिति तीन दिवसीय दौरे पर सागर आई हुई थी। इस समिति के संयोजक चण्डीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति व सदस्य रूप में अमृतसर के गुरूनानक विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के प्रो0 आरके बेदी, कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रो0 जीपी चतुर्वेदी, प्रो0 बी0 वेंकटेश्वर राव, शिक्षाविद एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, उच्च न्यायालय आंध्र प्रदेश, हैदराबार के उस्मानिया विश्वविद्यालय के राजनीति विभाग से सेवानिवृत प्रो0 के मधूसूदन रेड्डी सहित यूजीसी के उप सचिव डॉ0 एस जिलानी, वीसी जोशी व आरके सैनी शामिल थे।

0 comments:

Related Posts with Thumbnails
 
Blog template by mp-watch.blogspot.com : Header image by Admark Studio