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Thursday, October 2, 2008

सागर जिले मे रबी सीजन मे नहीं होगी खाद-बीज की कमी-कलेक्टर

सागर जिले मे इस साल अच्छी बारिश हुई है। इससे किसानों व कृषि विभाग दोनों ने ही पिछले साल की तुलना मे ज्यादा रकबे मे रबी की फसल लेने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बात को ध्यान मे रखकर जिला प्रशासन ने जिले मे बीज व खाद की भरपूर आपूर्ति बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। 6 अक्टूबर से चना बीज व 10 अक्टूबर से ऊंची किस्म के असिंचित गेहूं का वितरण भी शुरू किया जा रहा है । यह बात जिला कलेक्टर ने जिले की कृषि आदान की साप्ताहिक समीक्षा बैठक मे कही।
बैठक मे कृषि उपसंचालक आईपी पटेल ने बताया कि इस साल सागर जिले मे सितंबर माह के अंत तक 11 सौ मिमी से ज्यादा वर्षा दर्ज हुई है। जो जिले के सामान्य वर्षा 1230.50 मिमी से महज 89.60 मिमी ही कम है। इसी के चलते जिले मे रबी की फसल के लिए 4 लाख 79 हजार 700 हैक्टेयर क्षेत्र मे बुवाई का कार्यक्रम बनाया गया है। जो पिछले साल मुकाबले 92 हजार 800 हैक्टयर अधिक है।
इस बढ़े हुए बुवाई क्षेत्र को ध्यान मे रखकर जिले मे 27 हजार क्विंटल बीज वितरण का कार्यक्रम बनाया गया है। जो बीते साल की पूर्ति 10 हजार 899 क्विंटल से 17 हजार 101 क्विंटल अधिक है। इस साल बीज की अनुमानित मांग की पूर्ति के लिए बीज सेवा सहकारी समितियों एवं डबललॉक केन्द्रों मे भंडारण कराया जा रहा है।
खाद वितरण के बारे मे श्री पटेल ने बताया कि इस रबी सीजन के लिए 44 हजार 275 मीट्रिक टन खाद का कार्यक्रम बनाया गया है। वर्तमान मे जिले मे विभिन्न स्रोतों से 29 हजार टन उर्वरका उपलब्ध है। जिसमे से 7हजार मीट्रिक टन उर्वरक का उठाव अभी तक हुआ है। इसके अलावा विपणन संघ के डबललॉक केन्द्रों पर भी पर्याप्त मात्रा मे उर्वरक उपलब्ध है।
आने वाले समय मे उर्वरक की मांग बढ़ने के हालात मे आपूर्ति के कार्यक्रम के सिलसिले मे उपसंचालक श्री पटेल ने बताया कि ऐसे हालात मे मार्कफेड द्वारा उर्वरक की आपूर्ति कराया जाना सुनिश्चित किया गया है। इसी सिलसिले मे बैठक मे 203 क्विंटल बीजोपचार औषधि वितरण के कार्यक्रम के बारे मे भी बताया गया । इसके मुताबिक औषधि का भंडारण डबललॉक केन्द्र एवं समितियों मे कराया जाएगा। इसके अलावा 2 लाख 10 हजार कल्चर के पैकिट वितरण कार्यक्रम भी बनाया गया है। किसानों की सुविधा को ध्यान मे रखते हुए 1 लाख 42 हजार 600 पैकेट कल्चर का भंडारण डबललॉक केन्द्र, समितियों एवं विकासखण्ड स्तर पर कराया गया है। इसके साथ सूक्ष्म पोषक जिंक, जिप्सम का भी भण्डारण डबललॉक केन्द्रों मे कराया गया है।

1 comments:

परमजीत बाली said...

अच्छी जानकारी दी है।आभार।

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