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Thursday, August 14, 2008

इंजीनियर बनना हुआ मंहगा...

लंबे समय से फीस मे वृद्धि करने की मांग कर रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों को इस वर्ष सरकार की ओर से राहत मिल गई है। नए सत्र से कई कॉलेजों की फीस मे दो गुना तक बढ़ोत्तरी कर दी गई है। लेकिन कुछ पुरानो कॉलेजों को सबसे कम फीस के दायरे मे रख दिया है।
इस बार फीस 33,300 से 55000 रूपए सालाना तक तय की गई है। राज्य सरकार की प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने मंगलवार को निजी कॉलेजों मे बीई पाठ्यक्रम की वर्ष 2007-08 व 2008-09 के लिए फीस घोषित कर दी है।
फीस समिति के पास पहुंचे कुल 111 महाविद्यालयों के प्रस्तावों मे से 105 कॉलेजों की फीस मे वृद्धि की घोषणा कर दी गई है। शेष छह कॉलेजों व एमबीए, एमसीए और फार्मेसी पाठ्यक्रमों की फीस भी जल्दी ही घोषित की जाएगी।
निजी कॉलेजों द्वारा सालाना आय-व्यय के आधार पर तय की गई फीस मे इस बार विकास और प्रगति की दर को भी जोड़ दिया गया है। समिति ने यह तय कर दिया है कि निजी कॉलेज तय की गई राशि के अलावा किसी अन्य मद मे कोई फीस नहीं ले सकेगें। यानि की कॉलेज प्रबंधन पुस्तकालय, खेल, छात्र कल्याण, सांस्कृतिक कार्यक्रम कंप्यूटर जेसी अन्य मदों मे राशि नहीं वसूल सकेगें।
समिति ने हॉस्टल मेस और बस फीस को छात्र द्वारा उपयोग किए जाने के आधार पर लेने के लिए साफ तौर पर निर्देश जारी किए हैं। फीस के आदेश मे इन सुविधाओं का उपयोग करने वाले छात्रों को खाता अलग रखा जाएगा।

1 comments:

राज भाटिय़ा said...

कया सच मे इस की जरुरत थी,क्या हमारे कालिजो मे इतने ज्यादा खर्चे होते हे की गरीब छात्रो का पढना भी कठिन हो

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