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Thursday, August 7, 2008

आंतरिक मूल्यांकन पर आपत्ति जता सकेंगें छात्र...

सेमेस्टर प्रणाली मे आंतरिक मूल्यांकन मे संतोषजनक अंक नहीं मिलने पर विद्यार्थी आपत्ति जता सकेंगें। जिनका निराकरण प्राचार्यों को सात दिन के अंदर करना होगा। विभाग के आला अधिकारी भी औचक निरीक्षण कर ऐसे मामलों की जांच कर सकेगें। आंतरिक मूल्यांकन के सिलसिले मे उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी महाविद्यालयों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिनके तहत हर कॉलेज के प्राचार्य की अगुवाई मे आंतरिक मूल्यांकन के लिए विशेष प्रकोष्ठ गठित किए जाएंगें। प्रकोष्ठों मे कक्षा के शिक्षक के अलावा अन्य कक्षा वर्ग व संकाय के शिक्षक भी शामिल रहेंगें।

15 अगस्त तक चलेगा आंतरिक मूल्यांकन...

दस अगस्त से 15 अगस्त तक चलने वाले आंतरिक मूल्यांकन कार्य के बाद सभी महाविद्यालय छात्रों की जानकारी अनिवार्य रूप से विश्वविद्यालयों को भी भेजेंगें। महाविद्यालय विद्यार्थियों का फायनल सेमिस्टर तक का पूरा रिकार्ड अपने पास सूरक्षित रखेगें।

आंतरिक मूल्यांकन का लेखा-जोखा रहेगा वेबसाईट पर...

आंतरिक मूल्यांकन मे सबसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी का रिकार्ड कॉलेज की वेबसाईट पर भी रखा जाएगा। इस विद्यार्थी की उत्तरपुस्तिकाओं को प्राचार्य खुद जांचेगें। इसके अलावा आंतरिक मूल्यांकन के सिलसिले मे छात्रों द्वारा जताईं गईं आपत्तियों के बाद होने वाले बदलाव का रिकार्ड भी वेबसाईट पर रखा जाएगा।

कापियों की प्राचार्य द्वारा रैंडम जांच...

प्रकोष्ठ द्वारा जांची गईं उत्तरपुस्तिकाओं में से कम से कम पांच फीसदी की रैंडम जांच खुद प्राचार्य करेंगें। कम्प्यूटर से होने वाले इस काम मे दो फीसदी से अधिक कापियों मे अंतर पाए जाने पर पूरे कक्षा वर्ग की कापियों की जांच दोबारा से की जाएगी।

प्रोजेक्ट वर्क...

आंतरिक मूल्यांकन के तहत सभी विद्यार्थिंयों से प्रोजेक्ट वर्क कराया जाएगा। प्रकोष्ठ अधिकारियों को इस सिलसिले मे विद्यार्थियों से चर्चा कर कार्य 15 अगस्त तक पूरा कराना होगा।

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