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Sunday, August 3, 2008

अतिथि विद्वानों होगें नियमित...?

उच्च शिक्षा विभाग प्रदेश मे अतिथि विद्वानों को नियमित करने की कवायद मे लगा हुआ है। चुनावी वर्ष मे सौगातें बांटने मे लगी सरकार ने हाल ही मे महाविद्यालयों मे खाली पड़े प्राध्यापकों व सहायक प्राध्यापकों के 769 पदों को भरे जाने की मंजूरी दे दी है।
उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक महाविद्यालयों मे रिक्त पड़े पदों को राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा द्वारा भरे जाने की तैयारी चल रही है। उसी परीक्षा मे अतिथि विद्वानों को विशेष अंक दिए जाने पर विचार किया जा रहा है।
हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि अतिथि विद्वानों को अनुभव के कितने अंक दिए जाएगें। पूर्व व्यवस्था के मुताबिक तो इनको भर्ती के समय अनुभव के लिए प्रति वर्ष के लिए 4 अंक दिए जाते हैं इसीलिए इनके नियमित भरती के मामले मे इससे ज्यादा अंक दिए जाने का प्रावधान किए जाने पर विचार हो रहा है। अगर यह व्यवस्था बन गई तो पीएससी से प्राध्यापकों व सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए होने वाली प्रक्रिया मे अतिथि विद्वानों के बाजी मार ले जाने की संभावना रहेगी क्योंकि वर्तमान मे प्रदेश भर मे कार्यरत अतिथि विद्वानों मे चार साल से ज्यादा अनुभव वाले विद्वान ज्यादा हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक वर्तमान मे प्रदेश में 303 सरकारी कॉलेज, 85 सरकारी पीजी कॉलेज, 217 स्नातक महाविद्यालय, 53 शासकीय कन्या महाविद्यालय व 18 स्वाशासी महाविद्याय चल रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश मे प्राध्यापकों व सहायक प्राध्यापकों के 769 पदों पर भर्ती होना है जबकि कुल रिक्त पदों की संख्या 25000 से ज्यादा है। इस समय प्रदेश मे करीब 14 हजार अतिथि विद्वान कार्य कर रहे हैं।

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