राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन नई दिल्ली में उप राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत
मध्यप्रदेश को आज राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के उद्देश्य को मैदानी स्तर पर बेहतर प्रभावी और परिणामोउन्मुखी तरीके से क्रियान्वित करने पर भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया है। देश के उप राष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के पांच वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह में यह पुरस्कार मध्यप्रदेश को दिया।
सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री एस.आर. मोहंती एवं आयुक्त स्वास्थ्य श्री मनोहर अगनानी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री गुलामनबी आजाद भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के पांच वर्ष पूर्ण होने पर भारत सरकार ने मिशन के उद्देश्यों को पूर्ण होने का आकलन किया। उन्होंने पुरस्कार के लिये देश के अलग-अलग राज्यों की तीन श्रेणियां बनाई थी। पहली श्रेणी में पूर्वोत्तर राज्य थे। दूसरी श्रेणी में उत्तर स्थित राज्य जिन्हें हाई फोकस श्रेणी में रखा गया था। तीसरी श्रेणी नॉन हाई फोकस में दक्षिण के राज्यों को रखा गया था।
मध्यप्रदेश दूसरी श्रेणी के राज्य में शामिल था। भारत सरकार ने पिछले पांच सालों मंे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की स्थापना के बाद मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांकों में आए परिवर्तन को देखा। जिन तीन बिन्दुओं पर भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को उत्कृष्ट पाया उसमें संस्थागत प्रसव 26 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत होना, शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में क्रमंश 9 एवं 44 की कमी आना उल्लेखनीय है। इसके अलावा मैदानी स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सकों, ए.एन.एम आदि की उपलब्धता के लिये जो विशेष प्रयास मध्यप्रदेश सरकार ने किए उसे भारत सरकार ने सराहनीय माना।
मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय उत्कृष्टता के लिये मिले इस पुरस्कार को लेने सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण श्री एस.आर. मोंहती के नेतृत्व में एक दल दिल्ली गया था। इसमे स्वास्थ्य आयुक्त श्री अगनानी के अलावा संचालक स्वास्थ्य श्री ए.एन. मित्तल, संचालक एवं उप संचालक के साथ मैदानी स्तर पर काम करने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारी ए.एन.एम. एवं आशा कार्यकर्ता शामिल थी।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के पांच वर्ष पूर्ण होने पर भारत सरकार ने मिशन के उद्देश्यों को पूर्ण होने का आकलन किया। उन्होंने पुरस्कार के लिये देश के अलग-अलग राज्यों की तीन श्रेणियां बनाई थी। पहली श्रेणी में पूर्वोत्तर राज्य थे। दूसरी श्रेणी में उत्तर स्थित राज्य जिन्हें हाई फोकस श्रेणी में रखा गया था। तीसरी श्रेणी नॉन हाई फोकस में दक्षिण के राज्यों को रखा गया था।
मध्यप्रदेश दूसरी श्रेणी के राज्य में शामिल था। भारत सरकार ने पिछले पांच सालों मंे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की स्थापना के बाद मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांकों में आए परिवर्तन को देखा। जिन तीन बिन्दुओं पर भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को उत्कृष्ट पाया उसमें संस्थागत प्रसव 26 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत होना, शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में क्रमंश 9 एवं 44 की कमी आना उल्लेखनीय है। इसके अलावा मैदानी स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए चिकित्सकों, ए.एन.एम आदि की उपलब्धता के लिये जो विशेष प्रयास मध्यप्रदेश सरकार ने किए उसे भारत सरकार ने सराहनीय माना।
मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय उत्कृष्टता के लिये मिले इस पुरस्कार को लेने सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण श्री एस.आर. मोंहती के नेतृत्व में एक दल दिल्ली गया था। इसमे स्वास्थ्य आयुक्त श्री अगनानी के अलावा संचालक स्वास्थ्य श्री ए.एन. मित्तल, संचालक एवं उप संचालक के साथ मैदानी स्तर पर काम करने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारी ए.एन.एम. एवं आशा कार्यकर्ता शामिल थी।
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