पंद्रह सौ चिकित्सकों की पदोन्नति एवं उन्नयन
Bhopal:Sunday, November 8, 2009:Updated 16:07IST स्वास्थ्य विभाग में हर स्तर पर चलाए जा रहे सुधार अभियान के तहत पहली बार चिकित्सकों को समयमान वेतनमान, पदोन्नति, रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति की गति को तेज कर निर्णय लिए गए है। लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, जैव प्रौद्योगिकी, जैव विविधता एवं जन शिकायत निवारण मंत्री श्री अनूप मिश्रा द्वारा शुरू की गई इस मुहिम के तहत अभी तक लगभग ढाई हजार चिकित्सकों को चार स्तरीय वेतनमान दिया गया है तथा 436 चिकित्सा अधिकारियों को पदोन्नति दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग में अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही चिकित्सकों की कमी दूर करने तथा मौजूदा अमले का मनोबल बढ़ाने के लिए गत दस माह में स्वास्थ्य मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। चिकित्सकों को वर्षों पुरानी समयमान वेतनमान देने की मांग गत दस माह के दौरान पूरी हुई।
प्रदेश के 2088 चिकित्सा अधिकारियों को चार स्तरीय वेतनमान के अंतर्गत वरिष्ठ श्रेणी एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान का लाभ दिया गया। इसी तरह 63 दंत शल्य चिकित्सकों को भी चार स्तरीय वेतनमान का फायदा पहुँचाया गया। विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी जिनकी संख्या 314 है उन्हें भी वरिष्ठ एवं प्रवर श्रेणी का वेतनमान दिया गया जो लंबे समय से लंबित था।
बहुप्रतिक्षित चिकित्सा अधिकारी से विशेषज्ञ एवं. डी.एच.ओ के पद पर 436 चिकित्सकों को पदोन्नत किया गया। पी.जी.एम.ओ. के 1181 पदों को विशेषज्ञ संवर्ग में अपग्रेड कर विषयवार उन्नयन किया गया। इसके लिए हाल ही में डी.पी.सी. भी हो गई है। रिक्त पदों को भरने के लिए आरक्षित संवर्ग के लंबे समय से रिक्त पड़े 484 पदों को भरने के लिए पुन: लोक सेवा आयोग को मांग पत्र भेजा गया है।
मांग पत्र के आधार पर विज्ञापन जारी कर भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। पैतालीस दंत शल्य चिकित्सकों को संविदा आधार पर नियुक्ति प्रदान की गई। मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण भरती नियम 2007 स्वास्थ्य मंत्री के विशेष प्रयासों लागू किया गया जिसमें विभिन्न सवंर्गों के नवीन पद सम्मिलित किए गए। एम.बी.बी.एस. स्नातक 337 चिकित्सकों को अनुबंध के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापना की गई। चिकित्सा महाविद्यालयों से उत्तीर्ण 255 स्नातकोत्तर डिग्री, डिप्लोमाधारी चिकित्सकों को अनुबंध के आधार पर ग्रामीण सेवा के तहत चिन्हित सीमांक संस्थाओं में नियुक्ति प्रदान की गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संविदा के तीन सौ पद स्वीकृत किए गए है। इन पदों पर नियुक्ति के अधिकार पहली बार जिलों को दिए गए है। कलेक्टरों को इसके लिए अधिकृत किया गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में 2009-10 की कार्ययोजना में छै सौ आयुष चिकित्सकों का प्रावधान किया गया है जिनकी नियुक्ति आयुष विभाग द्वारा चिकित्सक विहीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं एकल चिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में की जाएगी।
आर.सी.एच. कार्यक्रम के तहत विभिन्न चिकित्सकों के नियमितिकरण एवं प्री. पी.जी. प्रवेश में सेवारत चिकित्सक के रूप में प्राथमिकता देने का प्रावधान किया गया है। ब्लाक स्तर पर 313 ब्लाक चिकित्सा अधिकारी के पद सृजित किए गए है। हाल ही में राज्य शासन ने नर्सों की उपलब्धता को बरकरार रखने की उनकी सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया।
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