तीन नवंबर से प्रदेश में लागू नया खाद्य नियंत्रण आदेश नए आदेश की 50 हजार प्रतियाँ छपवाई जा रही हैं। प्रत्येक जिले को एक हजार कॉपी सुपुर्द की जाएंगी ताकि आम लोग गरीबों के हित से जुड़े इस अत्यंत महत्वपूर्ण सिस्टम में किए गए सार्थक बदलावों से भलीभांति अवगत हो सकें।
कोई नौ महीने पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के मुताबिक प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भारी बदलाव लाए जाने की रणनीति पर काम शुरू किया गया था। इसके लिए बाकायदा केबिनेट की एक सब कमेटी बनाई गई थी।
इसमें खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारसचंद्र जैन की अध्यक्षता में सहकारिता मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया और सामाजिक कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती रंजना बघेल शामिल किए गए थे।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के आधा दर्जन सीनियर अफसरों ने खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री अशोक दास के नेतृत्व में इन मंत्रियों के सुझावों के मुताबिक लगातार चिंतन, सर्वे, पर्यवेक्षण और नीति निर्धारण की कार्रवाई की।
केबिनेट सब कमेटी की इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा बैठकें हुई। खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री श्री पारसचंद्र जैन ने प्रस्ताव तैयारी के हर चरण की निरंतर समीक्षा की।
उन्होंने सहकारिता मंत्री श्री बिसेन के साथ खाद्य और सहकारिता विभागों की अलग से कई बैठकें कर इनके जरिए होने वाली कार्रवाई के लिए दोनों में तालमेल कायम कराया। कई व्यावहारिक दिक्कतों के उपयुक्त और ठोस समाधान ढुंढ़कर अमल का रास्ता साफ किया गया। राज्य सरकार इस काम में देरी नहीं चाहती थी इसलिए कुछ वित्तीय प्रावधानों पर भी जल्द सहमति बन गई।
राज्य सरकार की मंशा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के इस नए आदेश से प्रदेश के नागरिक भलीभांति परिचित हों ताकि इस व्यवस्था में उनकी जागरूक और सक्रिय भूमिका सुनिश्चित हो सके। इसलिए आदेश के 3 नवंबर को राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद इसकी 50 हजार प्रतियाँ एक पुस्तिका की शक्ल में तैयार कराई जा रही हैं। हर जिले को एक हजार प्रतियाँ भेज कर लोगों के सहज अवलोकन की व्यवस्था की जा रही है। आदेश के प्रावधानों का विभिन्न माध्यमों के जरिए सभी जिलों में व्यापक प्रचार भी होगा।
नए आदेश में उचित मूल्य दुकानों, राशनकार्डों, लीड समितियों आदि से संबंधित व्यवस्थाओं के संचालन में भारी बदलाव कर इसे ज्यादा सार्थक, प्रभावी और जवाबदेह बनाया गया है। खामियों को लेकर अनेक दंडात्मक प्रावधान किए गए हैं और समूची कार्रवाई की भोपाल में केन्द्रीय समीक्षा और निगरानी की ऑल लाइन व्यवस्था की गई है।
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