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Saturday, November 14, 2009

ग्रामीण क्षेत्रों में थ्री फेस पर 15 घंटे विद्युत का प्रदाय

मध्यप्रदेश द्वारा केन्द्रीय अंश से कम विद्युत का आहरण
प्रदेश में गत दो दिनों में मावठा बरसने के कारण विद्युत की मांग में बहुत कमी आई है। फ्रीक्वेंसी भी बेहतर हुई है तथा रबी मौसम की फसलों हेतु किसानों के लिये वरदान साबित हुई है। वर्तमान में संभागीय, जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर 24 घंटे विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है। 
साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में थ्री फेस पर 15 घंटे एवं सिंगल फेस पर 5 घंटे विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है। पश्चिमी ग्रिड के राज्यों में भी सभी जगह वर्षा होने के कारण प्रणाली की फ्रीक्वेंसी अच्छी चल रही है। मध्यप्रदेश केन्द्रीय क्षेत्र से अपने अंश से कम विद्युत का आहरण कर रहा है। 
विद्युत की मांग में आई कमी के मद्देनजर विद्युत मण्डल द्वारा ताप विद्युतगृहों की मरम्मत के कार्य को प्राथमिकता से किया जा रहा है, ताकि विद्युत की मांग बढ़ने पर इन यूनिटों को भरपूर चलाया जा सके।
राज्य के जिन ताप विद्युतगृहों में छोटी-मोटी तकनीकी खराबी है उन्हें देखते हुए इन्हें बंद कर इनकी मरम्मत की जा रही है। इनमें 120 मेगावाट की अमरकंटक तीन नम्बर, सतपुड़ा ताप विद्युतगृह की 62.5 मेगावाट तथा 210 मेगावाट की दो यूनिटों को बंद किया गया है। 
साथ ही संजय गाँधी की 210 मेगावाट की इकाई को भी तकनीकी खराबी दूर करने के लिये बंद किया गया है। मरम्मत के पश्चात विद्युत की मांग बढ़ने पर इन यूनिटों को भरपूर चलाया जा सकेगा।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को सुधारकर तैयार किया जा रहा है। साथ ही 220 के.व्ही., 132 के.व्ही. तथा 33/11 के.व्ही. के उपकेन्द्रों में यदि कोई खराबी है तो उसे भी ठीक किया जा रहा है। वर्तमान में अतिरिक्त समय में राजस्व बढ़ाने तथा विद्यूत चोरी को रोकने के प्रयास भी किये जा रहे हैं। आशा है कि विद्युत की मांग जब बढ़ेगी तब कम से कम अवरोधों से घोषित अवधि में विद्युत प्रदाय किया जायेगा।

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